By AMAN UPADHYAY MARCH 07, 2025

क्या आपकी इच्छाशक्ति शंका के कारण कमजोर हो जाती है? जानिए अर्जुन की कहानी और कैसे शंका हमें हमारी सफलता से रोक सकती है। 

शंका – इच्छाशक्ति का दुश्मन! 

GEETA GYAN

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अर्जुन का संकोच: युद्ध या शांति? 

युद्ध भूमि पर अर्जुन का मन उलझन में था। क्या उसे अपनों को मारना सही था? क्या जीवन और विजय का कोई मतलब होगा? 

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शंका की शुरुआत: रिश्तेदार और गुरु 

अर्जुन को युद्ध के बाद अपने रिश्तेदारों और गुरुओं को मारने का भय था। उसकी शंका ने उसे दुविधा में डाल दिया। 

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क्या राजपाट से ज्यादा मूल्यवान है जीवन? 

अर्जुन ने सोचा – अगर मैं अपनों को मारूंगा, तो राजपाट, सुख, और जीवन का क्या अर्थ रह जाएगा? 

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शंका ने तोड़ दी इच्छाशक्ति 

अर्जुन की शंका ने उसकी इच्छाशक्ति को कमजोर कर दिया। वह युद्ध करने के लिए तैयार नहीं था। 

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शंका – इच्छाशक्ति का शत्रु 

जब शंका हावी होती है, हमारी इच्छाशक्ति खत्म हो जाती है। हमें लगता है, क्या हम यह काम कर पाएंगे? 

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काम को टालने की आदत 

जब शक होता है, तो हम काम टालने के बहाने ढूंढ़ने लगते हैं। सफलता पर संदेह हमें काम करने से रोकता है। 

छोटे कामों में विश्वास 

छोटे कामों में हमें यकीन होता है। जैसे कोई भी छोटा टास्क हो तो हम आसानी से कर लेते हैं, बिना कोई शंका के।

बड़े कामों से डरना? 

लेकिन जैसे ही बड़ा काम सामने आता है, शंका हमें घेरने लगती है। 

योग्यता पर संदेह 

बड़े काम के सामने, हमें अपनी योग्यता पर संदेह होने लगता है। हम सोचते हैं, "क्या मैं इसे कर पाऊंगा?" 

कभी अर्जुन जैसा महसूस हुआ? 

क्या आप भी कभी अर्जुन की तरह महसूस करते हैं, जब बड़ा काम सामने आता है और आपकी इच्छाशक्ति कमजोर पड़ जाती है? 

शंका को पराजित करें, इच्छाशक्ति को मजबूत करें! 

जैसे कृष्ण ने अर्जुन की मदद की, वैसे ही हमें भी अपनी शंका को पराजित कर, इच्छाशक्ति को मजबूत करना चाहिए! 

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भगवद गीता का ज्ञान: शंका को परास्त करो, सफलता पाएँ!  

शंका केवल एक मनोवैज्ञानिक अवरोध है, उसे दूर करो, और जीत की ओर बढ़ो! 

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काम करने से पहले स्थिति का आकलन करें

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Disclaimer

यह कहानी केवल शिक्षा और प्रेरणा प्रदान करने के उद्देश्य से लिखी गई है। इसमें व्यक्त की गई भावनाएँ, विचार और अनुभव केवल जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझाने के लिए हैं। किसी भी व्यक्ति या घटना से संबंधित कोई समानता पूरी तरह से संयोग हो सकती है। हमारी पूरी कोशिश है कि हम सकारात्मकता और आत्मविश्वास को बढ़ावा दें, लेकिन हर व्यक्ति की यात्रा और अनुभव अलग होते हैं। इसलिए, कृपया किसी भी निर्णय या कदम को उठाने से पहले अपनी स्थिति और परिस्थिति को समझें। हम किसी भी प्रकार की शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक हानि के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

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