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सरकारी नौकरी के नाम पर 75 लाख की ठगी! नकली वेबसाइट से कैसे बचें? जानिए पूरा सच 🔍

💼 सरकारी नौकरी चाहिए? — इसी लाइन ने हजारों युवाओं को 500-500 रुपये गंवाने पर मजबूर कर दिया!

इंदौर से एक बड़ा cyber scam सामने आया है, जिसमें ‘ई-औषधि MP पोर्टल’ के नाम पर एक fake recruitment जारी किया गया। 2,972 पदों पर भर्ती की बात कहकर, स्कैमर्स ने fake website के जरिए बेरोजगार युवाओं से ठगी कर डाली। हर एक से ₹500 की registration fee वसूली गई और पूरे देशभर से 15,000+ युवा इसमें फंस गए।

📌 ठगी की कुल रकम: ₹75,00,000+
📅 विज्ञापन डाला गया: 7 मार्च
📍 खुलासा हुआ: एक महीने बाद, जब आयुष विभाग ने साफ किया कि ऐसी कोई भर्ती नहीं निकाली गई थी।

❓ ये स्कैम कैसे हुआ? – जानिए पूरी Modus Operandi

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Credit: schoolofdentalnursing

💡 स्कैमर्स ने एक क्लोन वेबसाइट बनाई जिसका interface, URL, layout और branding असली सरकारी वेबसाइट से मिलता-जुलता था। जैसे ही इस पर भर्ती का एड डाला गया, सोशल मीडिया और WhatsApp ग्रुप्स में इसका प्रचार शुरू हो गया।

लोगों को ये विज्ञापन एकदम असली लगा और उन्होंने तुरंत एप्लाई करना शुरू कर दिया।

👉 फेक वेबसाइट का URL था: https://e-aushadhimp.co.in
ध्यान दें: असली सरकारी साइट का डोमेन “.gov.in” या “.nic.in” होता है। यहां “.co.in” यूज़ किया गया जो कि आम लोगों के लिए भी खरीदा जा सकता है।

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🧠 Scammers कौन-सी Tech और Tricks यूज़ करते हैं?

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Credit: tv9hindi

साइबर ठग आज के दौर में बहुत प्रोफेशनल हो चुके हैं। जानिए उनके smart tools और techniques:

  1. Clone Sites: असली सरकारी पोर्टल जैसी दिखने वाली नकली साइट बनाते हैं।

  2. SEO Manipulation: अपनी साइट को गूगल पर ऊपर लाने के लिए SEO optimization करते हैं।

  3. Social Media Campaigns: WhatsApp, Telegram, Instagram और YouTube से viral promotion करते हैं।

  4. Fake Contact Info: नकली helpline numbers और email IDs डालते हैं जिससे भरोसा बने।

  5. False Testimonials: वेबसाइट पर fake reviews और user feedback डाले जाते हैं।

🛡️ नकली सरकारी वेबसाइट की पहचान कैसे करें? — ये 7 Super Tips हमेशा याद रखें ✅

#1: Domain Name जांचें

सरकारी वेबसाइट्स के domain हमेशा .gov.in या .nic.in पर खत्म होते हैं।
❌ अगर साइट .com, .org, .co.in, .net जैसी हो – तो वह संदिग्ध है।

#2: HTTPS Check करें

URL “https://” से शुरू होना चाहिए।
🔐 ये वेबसाइट के सुरक्षित (secured) होने का संकेत देता है।

#3: Design और Layout Observe करें

असली सरकारी साइट्स का इंटरफेस सीधा और सरल होता है।
बहुत flashy, ads से भरी या आकर्षक रंगों वाली साइट पर शक करें।

#4: Whois Lookup करें

वेबसाइट किसके नाम पर रजिस्टर है, ये चेक करने के लिए
🔗 https://whois.domaintools.com
🔗 https://www.inregistry.in

#5: Content की Grammar और भाषा देखें

असली वेबसाइट्स पर सरकारी भाषा होती है – साफ और बिना गलती के।
गलत भाषा, ओवर-प्रोमिसिंग, और कैची टाइटल्स पर शक करें।

#6: Contact Info और Social Handles चेक करें

वेबसाइट पर दिए गए email और helpline number को Google पर सर्च करें।
वेबसाइट का official social media presence भी देखें।

#7: Ministry के Official Portal पर Cross-Check करें

जिस विभाग से जुड़ी भर्ती हो रही है, उसकी असली वेबसाइट पर जाकर verify करें।

🆘 अगर गलती से जानकारी दे दी है तो तुरंत ये करें:

अगर आपने फर्जी वेबसाइट पर अपना कोई sensitive data शेयर कर दिया है, तो इन Immediate Actions को फॉलो करें:

  • 🔐 Password बदलें – अपने सभी अकाउंट्स (Email, Bank, UPI) के पासवर्ड फौरन बदलें।

  • 📞 Bank को Notify करें – अगर आपने कार्ड या बैंक डिटेल्स शेयर की हैं, तो तुरंत कस्टमर केयर पर कॉल कर कार्ड ब्लॉक करवाएं।

  • 🧹 Browser Cache और Cookies क्लियर करें

  • 🚓 Cyber Complaint दर्ज करेंhttps://www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत करें या नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन में जाएं।

  • 🛡️ Antivirus से स्कैन करें – अपने डिवाइस को अच्छे Antivirus से स्कैन करें।

📌 कहां करें शिकायत? – Official Tools और Resources

🔹 CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team)

Website: https://www.cert-in.org.in
यहां से आप Fake Websites की रिपोर्ट कर सकते हैं।

🔹 Cyber Crime Portal

Website: https://www.cybercrime.gov.in
ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने का सबसे तेज़ और सुरक्षित तरीका।

🔹 NIC (National Informatics Centre)

किसी वेबसाइट के असली होने की पुष्टि आप https://www.nic.in से कर सकते हैं।

⚖️ क्या भारत में ऐसा स्कैम करने वालों पर कानून है?

Yes! भारत में fake websites, online fraud और cyber deception के खिलाफ सख्त कानून मौजूद हैं:

🧾 कानून और धाराएं:

  • 📜 भारतीय न्याय संहिता, 2023

    • धारा 316 – धोखाधड़ी (Cheating)

    • धारा 336/338 – फर्जी दस्तावेज़ों के जरिए भ्रम फैलाना

  • 💻 IT Act, 2000

    • Section 66C – Fake digital identity का इस्तेमाल

    • Section 66D – Online cheating through impersonation

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🔍 BONUS: Real vs Fake Website – Quick Checklist

पॉइंटअसली वेबसाइटनकली वेबसाइट
डोमेन.gov.in / .nic.in.com / .co.in / .org
HTTPSAlways secureMay not be secure
कंटेंटक्लियर, गवर्नमेंट लैंग्वेजगलतियां, flashy
Adsनहीं होतेहो सकते हैं
Contact InfoMinistry Verifiedनकली या गलत

🎯 निष्कर्ष: “Beware Before You Apply!”

“जहां उम्मीद हो, वहां धोखा भी हो सकता है!” – आज के डिजिटल युग में सावधानी ही सुरक्षा है।

सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले लाखों युवाओं को ऐसे स्कैम से खुद को बचाने की जरूरत है। हर बार जब आप कोई जॉब अप्लाई करें या रजिस्ट्रेशन करें, तो पहले खुद जांचें, फिर भरोसा करें।

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🛑 डिस्क्लेमर:

यह लेख केवल जागरूकता और जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी विश्वसनीय स्रोतों, सरकारी पोर्टल्स और साइबर एक्सपर्ट्स के बयानों पर आधारित है। हमारा उद्देश्य किसी संस्था, विभाग या व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचाना नहीं है। यदि आपने इस प्रकार की किसी वेबसाइट पर जानकारी दी है, तो कृपया तुरंत अधिकृत साइबर पोर्टल या स्थानीय साइबर पुलिस से संपर्क करें। इस लेख में दी गई सुरक्षा सलाहें सामान्य गाइडलाइन हैं और हर केस में अलग परिणाम हो सकता है। पाठकों से निवेदन है कि किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले जांच-पड़ताल अवश्य करें।

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