Knowexact-news-blog-mahakumbh-2025

प्रयागराज महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना के संगम में लाखों श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं। हालांकि, अब एक ताजे रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि इन दोनों नदियों का पानी स्नान करने के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने 17 फरवरी को अपनी रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में पेश की, जिसमें गंगा और यमुना के पानी की गुणवत्ता के बारे में चौंकाने वाली जानकारी दी गई है।

73 स्थानों से लिए गए पानी के सैंपल : क्या निकल कर आया? 🧪

kumbh-KNOWEXACT
Credit: jaihindtimes

CPCB ने 9 से 21 जनवरी के बीच प्रयागराज में कुल 73 अलग-अलग जगहों से पानी के सैंपल एकत्र किए। इन सैंपल्स की जांच के बाद रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें गंगा और यमुना के पानी को छह मानकों पर परखा गया। इन मानकों में pH, Fecal Coliform, BOD (Biochemical Oxygen Demand), COD (Chemical Oxygen Demand) और Dissolved Oxygen शामिल हैं।

सबसे गंभीर समस्या Fecal Coliform बैक्टीरिया की मात्रा की है, जो अधिकांश जगहों पर तय मानक से बहुत अधिक पाई गई। इससे साफ है कि इन नदियों का पानी नहाने के लिए खतरनाक हो सकता है।

6 मानकों पर परीक्षण : क्या कहते हैं परिणाम? 🧐

kumbh-knowecxact
Credit : bhaskarassets

CPCB द्वारा जांचे गए 6 प्रमुख मानकों में गंगा और यमुना का पानी असुरक्षित पाया गया। रिपोर्ट में यह साफ किया गया कि ज्यादातर सैंपल पॉइंट्स पर Fecal Coliform बैक्टीरिया की मात्रा मानक से ज्यादा पाई गई। इसके अलावा, पांच अन्य मानकों पर पानी की गुणवत्ता काफी हद तक मानक के अनुसार थी।

Fecal Coliform बैक्टीरिया का खतरा : क्या यह बीमारियों का कारण बन सकता है? 😷

बैक्टीरिया की अधिक मात्रा से स्पष्ट है कि यह पानी किसी भी उद्देश्य के लिए सुरक्षित नहीं है। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर B.D. Tripathi बताते हैं कि यदि पानी में मानक से ज्यादा Fecal Coliform बैक्टीरिया होता है, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। इस पानी से नहाने या इसे पीने से त्वचा रोग और अन्य संक्रमण हो सकते हैं।

संगम के आसपास का पानी सबसे ज्यादा दूषित 🌊

kumbh-knowecxact-
Credit: jagranimages

संगम के आस-पास का पानी सबसे अधिक दूषित पाया गया। संगम से लिए गए सैंपल में Fecal Coliform बैक्टीरिया की मात्रा एक मिलीलीटर पानी में 2000 तक पाई गई, जबकि सामान्य स्थिति में यह 100 बैक्टीरिया तक होना चाहिए। इसके अलावा, गंगा पर बने Shastri Bridge के पास भी पानी में बैक्टीरिया की मात्रा बेहद अधिक थी—3200 Fecal Coliform और 4700 Total Fecal Coliform पाई गई।

क्या कदम उठाए जा रहे हैं? 🚰

गंगा और यमुना की सफाई के लिए प्रयागराज नगर निगम और उत्तर प्रदेश जल निगम ने कई कदम उठाए हैं। Geo-tube technology के माध्यम से 23 नालों के अपशिष्ट जल को शुद्ध किया जा रहा है। 1 जनवरी से 4 फरवरी तक 3660 MLD साफ पानी गंगा में छोड़ा गया। इन प्रयासों के बावजूद, संगम और आसपास का पानी गंभीर रूप से दूषित है।

2019 कुंभ में भी था ऐसा ही हाल 📉

2019 के कुंभ में भी पानी की गुणवत्ता में भारी कमी थी। CPCB की रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख स्नान के दिनों में BOD और Fecal Coliform का स्तर भी मानक से अधिक पाया गया था।

क्या किया जा सकता है? 🛑

ऐसे में, यह बहुत जरूरी हो जाता है कि सरकारी और निजी संस्थाएं मिलकर नदियों की सफाई के प्रयासों को तेज करें। साथ ही, श्रद्धालुओं को सही जानकारी दी जाए, ताकि वे अपने स्वास्थ्य को खतरे में न डालें।

निष्कर्ष (Conclusion):

प्रयागराज महाकुंभ के दौरान गंगा और यमुना का पानी स्नान के लिए सुरक्षित नहीं है, जैसा कि CPCB की रिपोर्ट ने स्पष्ट किया है। फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की उच्च मात्रा से स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकते हैं, और यही कारण है कि इन नदियों के पानी की सफाई को लेकर और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। हमें अपनी नदियों की सफाई और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी से काम करना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इन नदियों की सुंदरता और शुद्धता का आनंद ले सकें। 🙏🌍

हमसे जुड़े :

Get Daily Updates Join Telegram Group
Follow Us Facebook | Twitter (X) | Quora
See Stories See Here

अस्वीकरण (Disclaimer):

इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना है। हम किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य जोखिम या नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। कृपया अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी सावधानियां बरतें और सरकारी निर्देशों का पालन करें। नदी जल में स्नान से पहले पानी की गुणवत्ता की जांच करना बेहद ज़रूरी है। आपकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है! 🙏💧

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top