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Toggleइन लोगों को होलिका दहन से दूर रहने की सलाह, वरना जीवन में बढ़ सकती है मुसीबतें! 🔥👀
होलिका दहन का महत्व और यह क्यों है इतना खास?

होलिका दहन हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। 🎨✨ होलिका दहन का दिन खास तौर पर होली के उत्सव से पहले मनाया जाता है और इसे ‘छोटी होली’ भी कहा जाता है। इस दिन लोग बुराई के प्रतीक होलिका को जलाकर शुभता की शुरुआत करते हैं। इसके साथ ही होलिका दहन की अग्नि से विशेष पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को दोगुना लाभ और पुण्य प्राप्त होने की मान्यता है। 🙏🔥
इस साल होलिका दहन 2025 13 मार्च को होगा, और इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त रात 10:45 बजे से 01:30 बजे तक रहेगा। 💫 इस दिन की पवित्र अग्नि में हर कोई पूजा करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ खास लोग हैं जिन्हें होलिका दहन देखना नहीं चाहिए? आइए, जानते हैं इन लोगों के बारे में और क्यों उन्हें होलिका दहन से बचना चाहिए। 👀
होलिका दहन देखने से किन लोगों को बचना चाहिए?

होलिका दहन हिंदू धर्म में एक बहुत ही पवित्र पर्व है, जिसे हर कोई अपने परिवार और दोस्तों के साथ मनाता है। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ लोगों को इस दिन होलिका दहन देखना नहीं चाहिए। पंडित श्री कृष्ण चंद्र दुबे के अनुसार, गर्भवती महिलाएं, नवविवाहिता महिलाएं, और छोटे बच्चे (जो होली का पहला त्योहार मना रहे हैं) को होलिका दहन देखना मना है। 🚫
1. गर्भवती महिलाएं 🤰
गर्भवती महिलाओं को होलिका दहन नहीं देखना चाहिए क्योंकि यह माना जाता है कि इस दिन की अग्नि में नकारात्मकता और बुराई का अंत होता है। इस समय यदि गर्भवती महिलाएं इस अग्नि को देखती हैं तो उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। इसलिए उन्हें इस अग्नि से दूर रहना चाहिए।
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2. नवविवाहिता महिलाएं 👰
जो महिलाएं अभी-अभी शादी के बंधन में बंधी हैं, उन्हें भी पहली होली के दिन होलिका दहन नहीं देखना चाहिए। यह उनकी नई शुरुआत है, और इस समय अगर वे होलिका दहन देखती हैं तो उनकी शादीशुदा जिंदगी में अनावश्यक परेशानियां आ सकती हैं। यही कारण है कि नवविवाहिताओं को यह सलाह दी जाती है कि वे होलिका दहन से दूर रहें।
3. छोटे बच्चे 👶
छोटे बच्चों को भी होलिका दहन देखना मना होता है क्योंकि यह उनके लिए शारीरिक और मानसिक रूप से सही नहीं माना जाता है। बच्चों के लिए होलिका दहन की अग्नि के दर्शन नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। साथ ही यह उनकी मासूमियत को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए उन्हें होलिका दहन से दूर रखा जाता है।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और समय (Holika Dahan 2025 Time)
होलिका दहन की पूजा हिंदू पंचांग के अनुसार 13 मार्च 2025 को होगी। यह समय विशेष महत्व रखता है, और इस दिन पूजा करने से विशेष लाभ और पुण्य की प्राप्ति होती है। 🔥
- होलिका दहन का शुभ मुहूर्त: रात 10:45 बजे से लेकर 01:30 बजे तक रहेगा।
- पूर्णिमा तिथि की शुरुआत: 13 मार्च 2025, सुबह 10:35 बजे।
- पूर्णिमा तिथि का समापन: 14 मार्च 2025, रात 12:23 बजे।
इस दिन की पूजा और होलिका दहन से वातावरण शुद्ध होता है, और बुराई का नाश हो जाता है, जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। 🌟
क्यों है होलिका दहन इतना महत्वपूर्ण?
होलिका दहन का पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इसे ‘छोटी होली’ के रूप में मनाया जाता है, जहां होलिका के रूप में बुराई और दुष्ट शक्तियों को जलाकर अच्छाई को प्रबल किया जाता है। इस दिन की पूजा से व्यक्ति के जीवन में तमाम परेशानियां और संकट समाप्त होते हैं, और हर तरह की नकारात्मकता का नाश होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन की अग्नि में पूजा करने से जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान होता है, साथ ही आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य, और रिश्तों में भी सुधार होता है। 🔥💰👫
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Conclusion:
होलिका दहन 2025 का दिन पवित्र है, लेकिन इस दिन कुछ विशेष लोगों को होलिका दहन से बचना चाहिए, जैसे गर्भवती महिलाएं, नवविवाहिताएं और छोटे बच्चे। इनकी सुरक्षा और भलाई के लिए यह धार्मिक सलाह दी जाती है। इस दिन को श्रद्धा और आस्था से मनाएं, ताकि आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव और सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकें! 🌸✨
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Disclaimer:
यह लेख धार्मिक आस्थाओं और मान्यताओं पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है और इसे केवल धार्मिक विश्वासों के रूप में देखा जाना चाहिए। हम इस लेख में किसी भी प्रकार की वैज्ञानिक या चिकित्सीय सलाह का दावा नहीं करते हैं। पाठकों से अनुरोध है कि वे अपनी व्यक्तिगत आस्थाओं और विश्वासों के अनुसार जानकारी का उपयोग करें।