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होली के दिन श्री राधा कृष्ण अष्टकम का पाठ करें, भगवान कृष्ण होंगे प्रसन्न और दूर करेंगे आपके सारे दुख! 🌸💖

होली का पर्व न केवल रंगों और खुशियों का उत्सव है, बल्कि यह भगवान की आराधना का भी महत्वपूर्ण अवसर है। 🌸 हिंदू धर्म में फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होली का त्यौहार मनाया जाता है, और यह दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन यदि आप श्री राधा कृष्ण की पूजा और उनके स्तोत्र का पाठ करते हैं, तो यह आपके जीवन में प्रेम, समृद्धि और शांति लेकर आता है। भगवान कृष्ण की पूजा से केवल सांसारिक दुख ही नहीं, बल्कि जीवन की हर मुश्किल का हल भी मिल सकता है। 🙏

श्री राधा कृष्ण अष्टकम का महत्व

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Credit: webdunia

श्री राधा कृष्ण अष्टकम एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली स्तोत्र है, जिसे भगवान कृष्ण की पूजा के समय विशेष रूप से पढ़ा जाता है। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण और राधा रानी की दिव्य महिमा और प्रेम का बखान करता है। मान्यता है कि होली के दिन इस स्तोत्र का पाठ करने से न केवल आपके जीवन के दुखों का नाश होता है, बल्कि प्रेम, वैवाहिक जीवन, और रिश्तों में भी सुख-शांति का आगमन होता है। 🌷

कैसे करें श्री राधा कृष्ण अष्टकम का पाठ?

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Credit: webdunia

होली के दिन श्री राधा कृष्ण अष्टकम का पाठ एक विशेष विधि से करना चाहिए ताकि भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त हो सके। इस पवित्र दिन को सही तरीके से मनाने के लिए नीचे दिए गए कदमों का पालन करें

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1. स्नान और ध्यान करें

होली के दिन सबसे पहले प्रातःकाल उठकर स्नान करें और अपने मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करें। इस दिन का महत्व बढ़ाने के लिए ध्यान लगाना भी बेहद जरूरी है। ध्यान से मानसिक शांति मिलती है और पूजा में मन की एकाग्रता बनी रहती है।

2. पूजा स्थल तैयार करें

पूजा स्थल पर राधा कृष्ण की सुंदर प्रतिमा या तस्वीर रखें। यह सुनिश्चित करें कि पूजा स्थल साफ और शुद्ध हो। पूजा में शुद्धता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उसके बाद दीप, धूप और अगरबत्ती दिखाकर पूजा की शुरुआत करें।

3. फल, फूल और माखन अर्पित करें

भगवान कृष्ण को उनका प्रिय भोग, माखन-मिश्री अर्पित करें। इसके साथ ही ताजे फल और फूल भी अर्पित करें। राधा कृष्ण की पूजा में तुलसी और माखन-मिश्री का विशेष महत्व है।

4. श्री राधा कृष्ण अष्टकम का पाठ करें

अब बारी आती है श्री राधा कृष्ण अष्टकम के पाठ की। यह स्तोत्र भगवान कृष्ण और राधा रानी के प्रति भक्ति और प्रेम को दर्शाता है। इसका उच्चारण करते वक्त पूरी श्रद्धा और ध्यान से करें। यदि आप इसे पूरी निष्ठा से पढ़ते हैं, तो भगवान कृष्ण की कृपा आप पर बरसती है।

श्री राधा कृष्ण अष्टकम का पाठ:

चथुर मुखाधि संस्थुथं, समास्थ स्थ्वथोनुथं।
हलौधधि सयुथं, नमामि रधिकधिपं॥
भकाधि दैथ्य कालकं, सगोपगोपिपलकं।
मनोहरसि थालकं, नमामि रधिकधिपं॥
सुरेन्द्र गर्व बन्जनं, विरिञ्चि मोह बन्जनं।
वृजङ्ग ननु रञ्जनं, नमामि रधिकधिपं॥
मयूर पिञ्च मण्डनं, गजेन्द्र दण्ड गन्दनं।
नृशंस कंस दण्डनं, नमामि रधिकधिपं॥
प्रदथ विप्रदरकं, सुधमधम कारकं।
सुरद्रुमपःअरकं, नमामि रधिकधिपं॥
दानन्जय जयपाहं, महा चमूक्षयवाहं।
इथमहव्यधपहम्, नमामि रधिकधिपं॥
मुनीन्द्र सप करणं, यदुप्रजप हरिणं।
धरभरवत्हरणं, नमामि रधिकधिपं॥
सुवृक्ष मूल सयिनं, मृगारि मोक्षधयिनं।
श्र्वकीयधमययिनम्, नमामि रधिकधिपं॥
वन्दे नवघनश्यामं पीतकौशेयवाससम्।
सानन्दं सुन्दरं शुद्धं श्रीकृष्णं प्रकृतेः परम्॥
राधेशं राधिकाप्राणवल्लभं वल्लवीसुतम्।
राधासेवितपादाब्जं राधावक्षस्थलस्थितम्॥
राधानुगं राधिकेष्टं राधापहृतमानसम्।
राधाधारं भवाधारं सर्वाधारं नमामि तम्॥
राधाहृत्पद्ममध्ये च वसन्तं सन्ततं शुभम्।
राधासहचरं शश्वत् राधाज्ञापरिपालकम्॥
ध्यायन्ते योगिनो योगान् सिद्धाः सिद्धेश्वराश्च यम्।
तं ध्यायेत् सततं शुद्धं भगवन्तं सनातनम्॥
निर्लिप्तं च निरीहं च परमात्मानमीश्वरम्।
नित्यं सत्यं च परमं भगवन्तं सनातनम्॥
यः सृष्टेरादिभूतं च सर्वबीजं परात्परम्।
योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम्॥
बीजं नानावताराणां सर्वकारणकारणम्।
वेदवेद्यं वेदबीजं वेदकारणकारणम्॥
योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम्।
गन्धर्वेण कृतं स्तोत्रं यः पठेत् प्रयतः शुचिः।
इहैव जीवन्मुक्तश्च परं याति परां गतिम्॥
हरिभक्तिं हरेर्दास्यं गोलोकं च निरामयम्।
पार्षदप्रवरत्वं च लभते नात्र संशयः॥

5. आरती और रंग अर्पित करें

पाठ के बाद श्री कृष्ण की आरती करें और फिर होली के रंगों को भगवान कृष्ण को अर्पित करें। होली पर रंगों का खेल भगवान कृष्ण से जुड़ा हुआ है, इसलिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है।

6. मनोकामना रखें

आखिरकार, पूजा समाप्त करने के बाद अपनी मनोकामनाओं को भगवान कृष्ण और राधा रानी के सामने रखें। अपनी इच्छाओं और जीवन की समस्याओं को भगवान से साझा करें। फिर प्रसाद का वितरण करें और पूरे परिवार के साथ आनंद लें।

श्री राधा कृष्ण अष्टकम का पाठ करने के फायदे:

होली के दिन श्री राधा कृष्ण अष्टकम का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:

1. आध्यात्मिक शांति और सुख

इस स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है, जिससे तनाव और चिंताओं से मुक्ति मिलती है। यह आपको जीवन की असल खुशियों को महसूस करने में मदद करता है।

2. दुखों का नाश

कहते हैं कि भगवान कृष्ण के परम भक्तों की सारी दुखों से मुक्ति मिल जाती है। श्री राधा कृष्ण अष्टकम का पाठ करने से जीवन की सभी समस्याएँ और दुख समाप्त हो सकते हैं।

3. प्रेम और वैवाहिक जीवन में सुधार

राधा कृष्ण की पूजा से न केवल प्रेम बढ़ता है, बल्कि विवाहिक जीवन में भी मधुरता आती है। जो लोग अपने वैवाहिक जीवन में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह पूजा विशेष लाभकारी होती है।

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4. भगवान कृष्ण का आशीर्वाद

इस स्तोत्र का नियमित पाठ भगवान कृष्ण के आशीर्वाद को आकर्षित करता है। इससे जीवन में समृद्धि, खुशहाली और सफलता प्राप्त होती है।

Conclusion:

अगर आप इस होली के दिन श्री राधा कृष्ण अष्टकम का पाठ पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ करते हैं, तो यह न केवल आपके जीवन में सुख-शांति लाएगा, बल्कि भगवान कृष्ण की कृपा से आपके जीवन की सारी समस्याएँ दूर हो सकती हैं। भगवान कृष्ण की पूजा से आपके प्रेम, समृद्धि और रिश्तों में भी नयापन आएगा। तो इस होली पर भगवान कृष्ण और राधा रानी को प्रसन्न करें और अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बनाएं! 🌸✨

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Disclaimer:

यह लेख धार्मिक आस्थाओं और मान्यताओं पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है और इसे केवल धार्मिक विश्वासों के रूप में देखा जाना चाहिए। हम इस लेख में किसी भी प्रकार की वैज्ञानिक या चिकित्सीय सलाह का दावा नहीं करते हैं। पाठकों से अनुरोध है कि वे अपनी व्यक्तिगत आस्थाओं और विश्वासों के अनुसार जानकारी का उपयोग करें।

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