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चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो खासतौर पर माँ दुर्गा और उनके 9 रूपों की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार भक्तों के लिए अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने और जीवन में शांति और समृद्धि प्राप्त करने का एक उत्तम अवसर होता है। नवरात्रि के दौरान, बीज मंत्रों का जाप विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इन मंत्रों के माध्यम से देवी-देवताओं की आशीर्वाद प्राप्त किए जाते हैं।

यह लेख आपके लिए लेकर आया है चैत्र नवरात्रि के दौरान 9 देवी स्वरूपों के 9 बीज मंत्र। जानिए हर देवी के बीज मंत्र और उनके जाप का सही तरीका, जिससे आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस कर सकते हैं।

🌸 1. देवी शैलपुत्री: ‘Hreem Shivaye Namah’ 🌸

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Credit: shrijagannathmandirdelhi

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन की पूजा में देवी शैलपुत्री की उपासना की जाती है। देवी शैलपुत्री का रूप अत्यंत शांत और कल्याणकारी है। इनकी पूजा से जीवन में शक्ति और संतुलन आता है। उनका बीज मंत्र है:

“ह्रीं शिवाय नमः”

इस मंत्र का जाप करने से मन में शांति और शुद्धता का अनुभव होता है। यह मंत्र विशेष रूप से सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और जीवन में नया आरंभ करता है।

🌼 2. देवी ब्रह्मचारिणी: ‘Hreem Shri Ambikayai Namah’ 🌼

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Credit: navbharattimes

चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, जो तपस्या और साधना की देवी मानी जाती हैं। इनकी पूजा से जीवन में धैर्य, समर्पण और योग्यता आती है। उनका बीज मंत्र है:

“ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः”

इस मंत्र का जाप करने से सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं और व्यक्ति अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है।

🌙 3. देवी चंद्रघंटा: ‘Aem Shreem Shaktayai Namah’ 🌙

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Credit: abplive

तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा होती है। देवी चंद्रघंटा का रूप भय और विपत्ति से मुक्त करने वाला है। इनकी पूजा से सुरक्षा और सिद्धि मिलती है। उनका बीज मंत्र है:

“ऐं श्रीं शक्तयै नमः”

यह मंत्र आध्यात्मिक शक्ति और सुरक्षा प्रदान करता है। इसका जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

यह भी पढ़ें : नवदुर्गा की 9 दिव्य कथाएँ: हर माँ के स्वरूप की पूर्ण गाथा, मंत्र और चमत्कारी सिद्धियाँ! 🕉️🌸

🌟 4. देवी कूष्मांडा: ‘Aem Hreem Devyai Namah’ 🌟

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Credit: bhaktvatsal

चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्मांडा की पूजा की जाती है। ये देवी जीवन में सृजन और आधिकारिकता की प्रतीक मानी जाती हैं। उनका बीज मंत्र है:

“ऐं ह्रीं देव्यै नमः”

इस मंत्र के जाप से जीवन में सृजनात्मकता और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है। साथ ही, यह सकारात्मक ऊर्जा और प्रभावशाली निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है।

🌸 5. देवी स्कंदमाता: ‘Hreem Kleem Swaminya Namah’ 🌸

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Credit: prabhatkhabar

पाँचवे दिन देवी स्कंदमाता की पूजा की जाती है, जो विशेष रूप से मातृत्व और सुरक्षा की देवी हैं। इनकी उपासना से जीवन में प्यार, समर्पण और आध्यात्मिक वृद्धि होती है। उनका बीज मंत्र है:

“ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नमः”

यह मंत्र माँ की आशीर्वाद और सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति के लिए बेहद प्रभावी है।

🌙 6. देवी कात्यायनी: ‘Kleem Shri Trinetraayai Namah’ 🌙

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चैत्र नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा होती है, जो शक्ति और धैर्य की देवी मानी जाती हैं। उनका बीज मंत्र है:

“क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नमः”

इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों से निपटने की शक्ति मिलती है और उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

🌑 7. देवी कालरात्रि: ‘Kleem Aem Shri Kalikayai Namah’ 🌑

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सातवें दिन की पूजा में देवी कालरात्रि की उपासना की जाती है, जो अंधकार और नकारात्मकता को समाप्त करने वाली देवी हैं। उनका बीज मंत्र है:

“क्लीं ऐं श्री कालिकायै नमः”

इस मंत्र का जाप करने से अंधकार और विपत्ति का नाश होता है, और जीवन में शांति और सुरक्षा आती है।

🌺 8. देवी महागौरी: ‘Shri Kleem Hreem Varadayai Namah’ 🌺

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आठवें दिन देवी महागौरी की पूजा होती है, जो विशेष रूप से शुद्धता, धार्मिकता, और मंगल की देवी हैं। उनका बीज मंत्र है:

“श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नमः”

यह मंत्र समृद्धि और सुख-शांति प्रदान करता है। इसे जापने से प्राप्ति और सिद्धि के रास्ते खुलते हैं।

🌟 9. देवी सिद्धिदात्री: ‘Hreem Kleem Aem Siddhaye Namah’ 🌟

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अंतिम दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, जो सिद्धियों और आध्यात्मिक सफलता की देवी मानी जाती हैं। उनका बीज मंत्र है:

“ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नमः”

इस मंत्र के जाप से आध्यात्मिक और भौतिक क्षेत्र में सफलता मिलती है, और सिद्धियों की प्राप्ति होती है।

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🕉️ नवरात्रि पूजा के लिए टिप्स और मंत्रों के जाप का सही तरीका 🕉️

  • शुद्ध स्थान पर पूजा करें: पूजा के दौरान एक शुद्ध और शांत स्थान का चयन करें।

  • मंत्रों का जाप नियमित करें: नियमित रूप से इन बीज मंत्रों का जाप करें। इससे आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आएगी।

  • प्रति दिन पूजा विधि का पालन करें: हर दिन नवीन देवी की पूजा विधि का पालन करें।

  • पवित्रता बनाए रखें: पूजा के दौरान शुद्धता और पवित्रता बनाए रखें।

  • मंत्र जाप के लिए माला का उपयोग करें: जाप करने के लिए मala का उपयोग करें, जिससे संख्या पूरी हो सके।

निष्कर्ष:

चैत्र नवरात्रि का यह समय है जब भक्त अपने जीवन में शांति, सफलता, और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति के लिए देवी स्वरूपों की पूजा करते हैं। इन 9 बीज मंत्रों का जाप करके आप अपनी मनोकामनाओं को पूरा कर सकते हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

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यह लेख केवल धार्मिक और सांस्कृतिक जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। हम किसी भी तरह के व्यक्तिगत अनुभव या आधिकारिक धार्मिक निर्णयों का दावा नहीं करते। कृपया पूजा और मंत्रों का जाप अपने विश्वास और श्रद्धा के अनुसार करें। हमेशा ध्यान रखें कि धार्मिक आस्थाएं व्यक्तिगत होती हैं और हर किसी का अनुभव अलग हो सकता है। हमारी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं, और हम आपकी यात्रा में शक्ति और सुरक्षा की कामना करते हैं। 🌸🙏

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